सहजन के फायदे और उपयोग 

सहजन क्या है ?

आज हम बात करेंगे सहजन क्या है?और सहजन के फायदे और उपयोग की इसको हम अपने रोजमर्रा के जीवन में उपयोग तो करते है लेकिन इससे हमे क्या फायदा मिलता है और यह हमारे शरीर के लिए कितना उपयोगी है यह बहुत काम लोग जानते है मेरा यह लेख लिखने का तातपर्य यही है की जो लोग इसके लाभकारी गुण को नहीं जानते उन तक यह जानकारी पहुँचे और वह इसको अपने जीवन में शामिल कर इसका लाभ उठा सकें। 

इसका वानस्पतिक नाम -“मोरिंगा ओलिफेरा” (Moringa oleifera) एक बहु लाभकारी पेड़ है। इसके अन्य नाम है हिन्दी में सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा आदि नामों से भी जाना जाता है। इस पेड़ के विभिन्न भाग अनेकानेक पोषक तत्वों से भरे पाये गये हैं इसलिये इसके विभिन्न भागों का कई प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है।

सहजन tree Image

सहजन में पाए जाने वाले पोषक तत्व 

इसमें बहुत सारे पोषक तत्व मौजूद होते है जैसे हमने पहले बात की है की इसके कई भागो को हम उपयोग में लाते है उसी क्रम में हम इसके पत्ती और फलियों में पाए जाने वाले पोषण की बात करेंगे। 

स्रोत: USDA Nutrient database के अनुसार प्रतिशत वयस्क के लिए :- 

सहजन की कच्ची पत्तियों में उपस्थित पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम

कार्बोहाइड्रेट – 8.28 g
सहजन के फलियों में पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम 

कार्बोहाइड्रेट – 8.53 g

आहारीय रेशा – 2.0 g  आहारीय रेशा  3.2 g  
वसा – 1.40 gवसा  0.20 g
प्रोटीन – 9.40 gप्रोटीन 2.10 g
पानी – 78.66 gपानी   88.20 g
विटामिन  – 42%विटामिन A equiv.  4 μg 0%
थायमीन (विट. B1) – 0.257 mg  – 20%थायमीन (विट. B1)  0.0530 mg  4%
राइबोफ्लेविन (विट. B2) – 0.660 mg  – 44%राइबोफ्लेविन (विट. B2)  0.074 mg  5%
नायसिन (विट. B3) – 2.220 mg – 15%नायसिन (विट. B3)  0.620 mg  4%
पैंटोथैनिक अम्ल (B5) – 0.125 mg – 3%पैंटोथैनिक अम्ल (B5)  0.794 mg 16%
विटामिन B6  -1.200 mg – 92%विटामिन B6  0.120 mg 9%
फोलेट (Vit. B9) – 40 μg  – 10%फोलेट (Vit. B9)  44 μg 11%
विटामिन C – 51.7 mg – 86%विटामिन C  141.0 mg 235%
कैल्शियम  – 185 mg – 19%कैल्शियम  30 mg. 3%
लोहतत्व – 4.00 mg – 32%लोहतत्व  0.36 mg 3%
मैगनीशियम – 147 mg – 40% मैगनीशियम  45 mg 12% 
मैगनीज़ – 0.36 mg – 18% मैगनीज़  0.259 mg 13% 
फॉस्फोरस  – 112 mg – 16%फॉस्फोरस  50 mg 7%
पोटेशियम – 337 mg  – 7%पोटेशियम  461 mg  10%
सोडियम – 9 mg – 0%सोडियम  42 mg 2%
जस्ता – 0.6 mg – 6%जस्ता  0.45 mg 5%

आयुर्वेद में इसका महत्व 

आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार ने सहजन से संबंधित तथ्यों के बारे में बताती है कि आयुर्वेद में सहजन को पूरे 300 रोगों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। इसलिए इसे चमत्कारी पेड़ भी कहते हैं। सहजन के विभिन्न भागों के रस को मधुर, वातघ्न, रुचिकारक, वेदनाशक, पाचक आदि गुणों के रूप में जाना जाता है। सहजन में दूध की तुलना में चार गुना कैल्‍श‍ियम और दोगुना प्रोटीन पाया जाता है। सहजन का फूल पेट और कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, साइटि‍का, गठिया आदि में उपयोगी है।

सहजन के गुणों की खान होने के बावजूद डॉक्टर दीक्षा इसे बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के बिना अपने आहार में शामिल करने की सलाह नहीं देती हैं।

यह भी देखें: सफेद पेठा के फायदे

इसके 15 फायदे ,नुकसान 

महिलाओं – पुरुषों के लिए सहजन के फायदे:-

  1. हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है।
  2. रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल व ठीक करता है।
  3. लीवर और किडनी को साफ करने का काम करता है।
  4. चर्म रोगों से भी छुटकारा दिलाता है और रक्त शुद्ध करता है।
  5. वजन घटाने के साथ – साथ पाचनक्रिया में सुधार करता है।
  6. आपके शुगर लेवल को भी ठीक रखने में मदद करता है।
  7. तनाव, चिंता और मिजाज को कम करता है।
  8. दूध पिलाने वाली माताओं में दूध के उत्पादन को बढ़ाता है।
  9. सहजन मानव की तंत्रिका प्रणाली और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। 
  10. यह सर्दी और फ्लू से लड़ने में सहायक है। 
  11. सहजन के इस्तेमाल से पित्त की थैली स्वस्थ रहती है। 
  12. कैंसर रोगी में इसके इस्तेमाल से कैंसर के स्तर को कम किया जा सकता है।जैसेः अगर आंत में अल्सर या ट्यूमर हो गया हो तो इसके सहायता से ठीक कर सकते हैं। 
  13. यह अस्थमा, गले में सूजन एवं प्रोस्टेट ग्रंथि के लिए थायराइड फंक्शन को भी सुधारता है।
  14. सहजन, मूत्र विकार से भी राहत दिलाता है। 
  15. यह हमारी हड्डियों को मजबूत करता है।

नुकसान :

सहजन की तासीर गर्म होती है, इसलिए जिन्हे गर्मी की समस्या (एसिडिटी, ब्लीडिंग, पाइल्स, भारी मासिक धर्म, मुंहासे) होती है, उन्हें इससे बचना चाहिए या सावधानी के साथ इसका सेवन करना चाहिए।

इसका उपयोग कैसे कर सकते है:-

सहजन का सूप

इसका सूप पौष्टिक होता है, जो आपके पेट को आराम देता है और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है। अन्य सब्जियों के साथ, इसकी छाल और पत्तों को भी सूप में मिला सकते है।

सहजन की सब्जी

इसकी फली को करी में डाला जा सकता है। इससे आपको एक नये स्वाद का अनुभव देगा और आपके पकवान के पोषण को भी बढ़ाएगा। रोटी, चावल के साथ इसका आनंद ले सकते हैं।

सांभर/ तूअर दाल

तूअर दाल या सांभर में सहजन मिलाने से दाल का पोषण बढ़ जाता है और दाल/सांभर का स्वाद भी इसका आनंद चावल, डोसा या रोटी के साथ ले सकते हैं।

मोरिंगा के पत्तों का पराठा 

मोरिंगा के पत्तों का उपयोग पराठे बनाकर नास्ते को हेल्दी बनाया जा सकता है यह बहुत फायदेमंद होगा। 

सहजन का डोसा

यह एक दक्षिण भारतीय रेसिपी है जिसमें मोरिंगा के पत्तों को दाल और चावल के घोल में मिलाकर डोसा बनाया जाता है। जिसको आप चटनी या सांबर के साथ खा सकते हैं.

अस्वीकरण:  यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।jeewanlakshay.com इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

कृपया अपना सुझाव अवस्य साँझा करें। 
धन्यवाद 

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