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यह रागी बॉल पुरे दक्षिण भारत का एक व्यंजन है जिसे वहां के लोगों में बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है ,आज भी वहां के परम्परिक लोग यही खाते है इसमें बहुत अच्छी मात्रा में फाइवर ,ऑयरन पाया जाता है यह बहुत ही स्वादिस्ट और स्वास्थवर्धक व्यंजन है इसको चावल या रोटी की जगह दाल या रसम ,सांभर के साथ खाया जाता है।
यह व्यंजन इतना लाभदायक होता है की इसको कोई भी खा सकता है चाहे वह बच्चा ,बूढ़ा ,बिमार ,गर्भवती महिलाएं कोई भी खायेगा और किसी भी मौसम में तो उसको शिर्फ़ लाभ ही मिलेगा।
इसको अन्य नामों से भी जानते हैं जैसे – रागी मुड्डे ,राजू संकटी ,काली रागी इत्यादी।
यह मुख्य रूप से दक्षिणी तमिलनाडु में खायी जाती है ,कर्नाटक,आंध्रपदेश में भी इसको बहुत पसंद करते हैं।
रागी बॉल को बनाना भी बहुत आसान है:-
यह 5 मिनट में बन के तैयार हो जाता है इसको बनाने लिए सिर्फ 1 कप रागी का आटा और आधा चमच्च नमक और 1 ग्लॉस पानी चाहिए।
बनाने का तरीका :-
- सबसे पहले एक बर्तन में पानी डाल के उबलने के लिए रखें।
- उसमे नमक डालें और एक चमच्च रागी का आटा एक कटोरी में घोल के उबलते पानी में डाल दें।
- जब यह पानी खौलने लगे तो इसमें रागी का आटा डाल के लगातार मिक्स करें।
- जब मिक्स हो जाये तो 2 मिनट तक इसको ढक के रखें।
- अब अपने हाथ में थोड़ा घी लगाए और मिक्स किये हुए रागी को गोल -गोल बॉल की तरह बना लें।
- अब उसमें एक चमच्च घी डालें और सांभर ,रसम ,दाल के साथ परोसे और खाएं।
इसको बनाना बहुत ही आसान है और इसको बनाते समय एक बात का ध्यान रखें की यह गर्म रहे तभी इसकी बॉल बना ले थोड़ा ठंडा करके नहीं तो यह बर्तन में चिपक जायेगा।