सफेद पेठा के फायदे

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सफेद पेठा क्या है ?

आज हम बात करेंगे सफेद पेठा क्या है ? पेठा या सफ़ेद कद्दू ,भुआ या कुष्माण्ड (अंग्रेज़ी:winter melon ; वानस्पतिक नाम : बेनिनकेसा हिस्पिडा (Benincasa hispida)),की जो एक बेल पर लगने वाला फल है, जो सब्जी की तरह खाया जाता है। यह हल्के हरे वर्ण का होता है और बहुत बड़े आकार का हो सकता है। पूरा पकने पर यह सतही बालों को छोड़कर कुछ श्वेत धूल भरी सतह का हो जाता है। इसकी कुछ प्रजातियां १-२ मीटर तक के फल देती हैं।इसकी अधिकांश खेती भारत सहित दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी एशिया में होती है। इससे भारत में एक मिठाई भी बनती है, जिसे मुरब्बा या पेठा (मिठाई) कहते हैं।जो की उत्तरभारत के शहर “आगरा” का यह बहुत ही प्रसिद्ध है। 

 सफ़ेद पेठा या कूष्मांड का फल भुआ, पेठा, भतुआ, कोंहड़ा, कुम्हड़ा ,बरिहा आदि नामों से भी जाना जाता है।

सफ़ेद पेठा या कद्दू खेतों में बोया जाता अथवा छप्पर पर लता के रूप में चढ़ाया जाता है। यह भारत में सर्वत्र उपजता है।

इसका प्रयोग सब्जियों के रूप में कच्ची या सुखा कर भी की जाती है और सर्वाधिक प्रचलित रूप में इसका सेवन मुरब्बा या पेठा ,जूस ,बर्फी ,बड़ी बनाकर किया जाता है।

सफ़ेद पेठा का आयुर्वेद में उपयोग की व्याख्या इस प्रकार की गयी है।

आयुर्वेद में यह लघु, स्निग्ध, मधुर, शीतवार्य, बात, पित्त, क्षय, अपस्मार, रक्तपित्त और उनमाद नाशक, बलदायक, मूत्रजनक, निद्राकर, तृष्णाशामक और बीज कृमिनाशक आदि कहा गया है। इसके सभी भाग-फल, रस, बीज, त्वक्‌ पत्र, मूल, डंठल-तैल ओषधियों तथा अन्य कामों में प्रयुक्त होते हैं।

कुम्हड़ा के बीजों का उपयोग खाद्य पदार्थों के रूप में किया जाता है। इसके ताजे बीज कृमिनाशक होते हैं। इसलिए इसके बीजों का उपयोग औषधि के रूप में होता है।

इसके मुरब्बे, पाक, अवलेह, ठंढाई, घृत आदि बनते हैं। इसके फल में जल के अतिरिक्त स्टार्च, क्षार तत्व, प्रोटीन, मायोसीन शर्करा, तिक्त राल आदि रहते हैं।

 सफ़ेद पेठा में मिलने वाले मिनिरल्स से प्राप्त आंकड़े इस प्रकार हैं

  • आर्द्रता 94.8; 
  • प्रोटीन 0.5; 
  • वसा (ईथर निष्कर्ष) 0.1; 
  • कार्बोहाइड्रेट 4.3; 
  • खनिज पदार्थ 0.3;
  • कैल्सियम 0.1; 
  • फास्फोरस 0.3% 
  • लोहा 0.6 मि.ग्रा./,100 ग्र. 
  • विटामिन सी, 18 मिग्रा. या 100 ग्रा.।

इसे समूचे उत्तर भारत में जेठ महीना के आरंभ होने से पहले धुला हुआ उरद दाल, थोड़ा चना दाल, गर्म मसाला, के साथ कद्दूकस किया हुआ कुम्हड़ा(भतुआ) को मिला कर तेज धुप में सुखा कर अदौरी (बड़ी) बनाया जाता है।इसे अलग-अलग राज्यों में अन्य नामों से जानते है  जिसे सालभर डब्बाबंद रख कर लोग खाते हैं।

यह भी देखें : लिटिल मिलेट

क्षेत्रीय नाम

असमी: komora

बांग्ला: চাল কুমড়া chal kumṛa (lit. “thatch pumpkin”)

अंग्रेज़ी: ash gourd, (Chinese) winter melon, fuzzy melon, green pumpkin, wax gourd, white gourd

गुजराती: કોળું कोळुं, kolun

हिन्दी: peṭhā, pethakaddu

संस्कृतम्: कूष्माण्डम् kooshmandams

सफेद पेठा के 5 उपयोग:-

1.सफेद पेठा के जूस के रूप में उपयोग  

यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है इसलिए गर्मियों में इसका सेवन जरूर करना चाहिए।इसमें गर्मियों के मौसम में पाए जाने वॉलपेपर सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है इसका सेवन गर्मियों के मौसम में ही करें क्योंकि आयुर्वेद  इसकी ‘ताशीर ठंडी’ बताई गयी है  ठंड के मौसम में इस से परहेज रखना ही उचित समझा जाता है।

2.सफेद पेठा बॉडी को डिटॉक्स करता है 

इसमें कई तरह के महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर सफेद पेठे में कैलोरी की एक सीमित मात्रा मौजूद होती है। वहीं इस सब्जी में 96% प्रतिशत पानी होता है। इसलिए यह शरीर को डिटॉक्सिफाई कर वेट कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। जो बवासीर जैसी समस्याओं से निजात पाने में मदद करता हैं।

3. सफेद पेठा एनीमिया से भी निजात दिलाता है 

इसमें विटामिन-सी व आयरन का एक अच्छा स्रोत होता है। इसलिए इसका सेवन शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में मदद करता है। वहीं यह सब्जी रेड ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन को भी बढ़ाता है। जो एनीमिया जैसी समस्या से लड़ने में मदद कर सकता हैं।

4. पेट की समस्या को ठीक करने में उपयोगी 

सफेद पेठा शरीर से जुड़े एक निश्चित लक्ष्य को पूरा करने में आपकी मदद कर सकता है। इसका जूस या इसे अन्य तरीकों से लेने से भी शरीर में एसिड प्रोडक्शन कम होता है। यदि आप नियमित रूप से एसिडिटी की समस्या से परेशान रहती हैं, तो सफेद पेठा आपके लिए बहुत उपयोगी होगा।

5. सफेद पेठा शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में सहायता 

सफेद पेठा में काफी ज्यादा पानी मौजूद होता है यह बार-बार हमारे शरीर में यूरिन प्रोडक्शन  करते हैं। यह हमारे शरीर से एक्सेस वाटर और सोडियम को बाहर निकालने में मदद करता है। यदि आप में से किसी को भी पैर और हाथ में सूजन रहती है, तो यह आपके लिए काफी  फायदेमंद होगा सकता है ।

आप इसे कच्चा खा सकते हैं, इसके साथ ही इसका रायता काफी ज्यादा लोकप्रिय है। इसे कंज्यूम करने का सबसे आसान तरीका है जूस तैयार करना। वहीं इसे खाली पेट खाने से आप पूरे दिन उर्जा से भरपूर रहेंगी।

FAQ:-

Q. क्या सफेद कद्दू और पेठा एक ही है?

A. आमतौर पर सफेद पेठा यानी ऐश गॉर्ड, वैक्स या सफेद कद्दू के नाम से जाना जाता है। 

Q. सफेद पेठे का जूस कब पीना चाहिए?

A. खासकर सुबह खाली पेट सफेद पेठे (Ash Gourd) का जूस बनाकर पीने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, जिंक, आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी और कॉपर की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो शरीर को कई लाभ देती है.

Q. सफेद पेठे के जूस में क्या मिलाकर पीना चाहिए?

A. सफेद पेठे के रस का सेवन हींग में मिलाकर करने से पथरी की समस्या से राहत मिलती है. सफेद पेठे में विटामिन सी और विटामिन बी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे पथरी के रोगियों को फायदा मिलता है.

Q. पेठा कब नहीं खाना चाहिए?

A. लेकिन सर्दियों में पेठा की सब्जी खाते हुए सावधान रहना जरूरी है। क्योंकि पोषण से भरपूर होने के बाद भी यह कुछ बीमारियां पैदा कर सकता है। इसलिए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अपर्णा ने कुछ लोगों को पेठा फल खाने से मना किया |

कृपया अपना सुझाव अवस्य साँझा करें। 
धन्यवाद 

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